‘रयणकंडो’ आचार्य श्री वसुनन्दी जी महाराज द्वारा विरचित एक सूक्तिकोश है। यह ग्रन्थ मूलत: प्राकृत भाषा में निबद्ध है, पर साथ ही ग्रन्थ की सम्पादिका पूज्य आर्यिका श्री वर्धस्वनन्दनी माताजी ने समय की मांग को देखते हुए इसे हिन्दी एवं अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्रस्तुत किया है, जिससे सुधी पाठकों को तीन भाषाओं का परिचय […]
Read More